कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा ?
कभी गिरर्ते हुए को उठाया नहीं,
फिर आंसू बहाने से क्या फायदा ?
में तो मंदिर गया पूजा आरती की,
पूजा करते हुए ये ख़याल आ गया.
कभी माँ-बाप की सेवा की ही नहीं,
फिर पूजा करवाने से क्या फायदा ?
में तो सतसंग गया गुरुवाणी सुनी,
गुरुवाणी सुनते हुए ये ख़याल आ गया,
जन्म मानव का लेकर दया की ही नहीं,
फिर मानव कहेलाने से क्या फ़ायदा ?
कभी गिरर्ते हुए को उठाया नहीं,
फिर आंसू बहाने से क्या फायदा ?
में तो मंदिर गया पूजा आरती की,
पूजा करते हुए ये ख़याल आ गया.
कभी माँ-बाप की सेवा की ही नहीं,
फिर पूजा करवाने से क्या फायदा ?
में तो सतसंग गया गुरुवाणी सुनी,
गुरुवाणी सुनते हुए ये ख़याल आ गया,
जन्म मानव का लेकर दया की ही नहीं,
फिर मानव कहेलाने से क्या फ़ायदा ?
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा ?
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